Top Shodashi Secrets

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।

Within the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered like a pivotal deity in guiding devotees in the direction of Moksha, the ultimate liberation from the cycle of start and Loss of life.

Goddess Shodashi is frequently connected to magnificence, and chanting her mantra conjures up interior splendor and self-acceptance. This benefit encourages people to embrace their authentic selves and cultivate self-confidence, supporting them radiate positivity and grace inside their day by day life.

The Shodashi Mantra instills endurance and resilience, assisting devotees continue to be continual by difficulties. This advantage permits persons to approach obstacles with calmness and determination, fostering an inner toughness that supports personalized and spiritual read more expansion.

सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।

हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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